Monday, April 15, 2013

दिल्ली वालों के दिलों में बसे प्राण



कौन जाए जौक दिल्ली की गलियां छोड़ कर।
दिल्ली के मशहूर शायर जौक ने कभी ये बातें दिल्ली के बारे में कही थीं, लेकिन पुरानी दिल्ली की गलियों से निकलने वाले बहुत से कलाकार कभी यहां लौटकर नहीं आए। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता प्राण भी उनमें से एक हैं। पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान में कभी वह भी रहते थे। प्राण किशन सिकंद का जन्म 12 फरवरी, 1920 को पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान में ही हुआ था। इनके पिता केवल किशन सिकंद सिविल इंजीनियर थे। यह जानकारी होने पर बल्लीमारान के लोगों को फक्र होता है, लेकिन प्राण के बल्लीमारान में बिताए हुए दिन या उनके परिवार के बारे में उन्हें खास जानकारी नहीं है। बल्लीमारान के ही रहने वाले और फिल्म जगत में अपनी किस्मत आजमा चुके शमीम अहमद बताते हैं कि प्राण को दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिलने से उन्हें खुशी है। हालांकि यहां के अधिकतर लोगों को यह नहीं पता कि प्राण बल्लीमारान में पैदा हुए थे। उन्होंने बताया कि प्राण बल्लीमारान के चरखावालान में रहते थे।
प्राण ने कनॉट प्लेस के एल दास एंड कंपनी फोटोग्राफर्स, जो वर्तमान में बस दास स्टूडियो है, से अपना करियर शुरू किया था। तब उनका नाम प्राण किशन सिकंद ही था। कनॉट प्लेस के एफ ब्लॉक की 12 नंबर की दुकान समय के साथ बदल गई है, लेकिन दुकान के वर्तमान मालिक किशन दास के दिलों में प्राण के लिए बेहद मोहब्बत है। 69 वर्षीय किशन दास बताते हैं कि प्राण ने यहीं से अपना करियर शुरू किया था ऐसी बात उनकी मां बताती हैं और प्राण ने उनकी फोटो भी खींची थी। पिता लच्छमन दास ने जब 1937 में पार्टनर हसनंद के साथ दुकान खोली, तो इसकी चार शाखाएं थीं लाहौर, शिमला, मसूरी और दिल्ली। प्राण बाद में लाहौर चले गए थे। उनकी दिली इच्छा प्राण से मिलने की है, वह अपने व्यापारिक काम से कई बार मुंबई गए, लेकिन प्राण से नहीं मिल पाने का उन्हे मलाल है। किशन दास ने बताया कि यदि प्राण साहब तीन मई को दादा साहब फाल्के अवार्ड लेने आते हैं तो उनसे जरूर मिलेंगे। यदि स्वास्थ्य खराब होने के कारण नहीं आते हैं तो मुंबई में जाकर उनसे मिलेंगे।
फिल्म पत्रकार और समीक्षक बन्नी रूबेन की पुस्तक '.. एंड प्राण ए बायोग्राफी' में प्राण ने बताया है कि उन्होंने पहली पंजाबी फिल्म 'यमला जट' पाकिस्तान में ही की थी। उसके बाद उन्होंने वहां कई फिल्में कीं।
दिल्ली के पुराने सिनेमा हॉल डिलाइट के अध्यक्ष शशांक रायजादा पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि प्राण साहब उनके यहां मनोज कुमार के साथ 'पूरब-पश्चिम' फिल्म के रिलीज के वक्त आए थे और लगभग ढाई घटे रहे उनके सरल स्वभाव और दमदार अभिनय के लोग कायल हैं।

एक ही थैले के...

गहमा-गहमी...