Tuesday, March 17, 2009

खुशी


खुशी

भूख से तड़पते बच्चे को दे दिया है किसी ने सूखी रोटी का टुकड़ा,
ब्ल्यू लाइन बस में मिल गई गाते हुए भिखारी को दस की नोट,
मजदूर पा गया है कई दिनों बाद अपनी पूरी दिहाड़ी,
रिक्शा वाले का बेटा कह रहा है उसे तोतली जुबान में पा..पा..,
साधक ने मिला लिया है सुर में सुर,
फेल होने के बाद, जब कह दिया हो बाबू जी ने कि ‘सब ठीेक हो जाएगा।

एक ही थैले के...

गहमा-गहमी...