Tuesday, May 26, 2009

राजनीति है बड़ी बेवफा..

राजनीति है बड़ी बेवफा..
प्यार और हार का बड़ा गहरा संबंध है कब जीतते-जीतते हार जाएं कहा नहीं जा सकता और इसका स्पष्ट कारण भी सीबीआई दौड़ाने पर भी पता नहीं चलता। जनता से बेइंतहा प्यार करने वाले और अपनी विश्वसनीय जीत की इच्छा पाले नेता प्यारेलाल परिणाम आने के बाद दुखी हैं और अपने समर्थकों से बता रहे रहे हैं कि सच राजनीति बहुत बेवफा टाइप है, और हार के बाद आंसू बेपरवाह निकल रहे हैं। इसके लिए क्या-क्या नहीं किया, बाबूजी से झूठ बोलकर रात-रात भर जागकर जनता के बीच प्रचार करने गया। कई दिनों तक सक्रिय राजनीति में आने के लिए घर का गेंहू चावल तक बेंच दिया, बर्तन बेंचने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो तो बेगम ने बेलन उठा लिया। पुज्य पिता जी इसी शोक से चल बसे और अब इस सक्रियता का ये सिला मिलेगा सोचा भी नहीं था।
चुनाव के आश्चर्यजनक परिणाम आने पर नेता जी की चिंता छुपाए नहीं छुपती वो परेशान हैं। उनके सलाहकार सरस जी ने इसका सरल सा उपाय बताया कि आईपीएल को लेकर हो हल्ला था लेकिन सभी टीमों की कमाई हुई जो जीता उसकी बल्ले-बल्ले, जो हारा उसकी भी चांदी चले। इसमें बड़ी भूमिका चियर्स गर्ल ने निभाई क्यों न अब चुनाव प्रचार के लिए भी चियर्स गर्ल को बुलाया जाए। नेता जी भड़क गए उन्होने कहा यह हमारी नैतिकता के खिलाफ है। इस तरह का अब कोई नया सुझाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
नेता जी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रहे थे तभी कल्लू किसान ने समझाया, नेता जी इस तरह नि राश न हो हमने आपको ही वोट दिया था लेकिन आप हार क्यों गए हमें नहीं पता। हमारे बाबू जी कहते थे रात में जाग कर पढ़ो और सुबह भोर में भी जागका पढ़ो तो शायद हर परीक्षा में जीत पक्की है। इसलिए मेरा भी कहना है कि आप रात में जाकर जनता की नब्ज पढ़ो और फिर सुबह में भी..। नेता जी अब कुत्ते, बिल्ली, गधा, बकरी तक से सलाह ले रहे हैं। नेता जी उन्नत क्वालिटी के सुझाव के इंतजार में हैं लोग तरह-तरह के सुझाव दे रहे हैं कोई कह रहा है पार्टी बदल दें कोई पोशक बदलने की सलाह दे रहा है नेता जी कि बेचैनी बढ़ती जा रही है कि लेफ्ट में जाएं कि राइट में,नार्थ में जाएं कि साउथ में अब तो उनको तरह-तरह के सपने दिन में दिखाई दे रहे हैं। उनकी चिंता बढ़ती जा रही है तभी किसी ने सलाह दी नेता जी अपनी पार्टी बना लीजिए अब आप चुनाव लड़िए नहीं लड़ाइए। उनकी आंखें चमक गई कि हर्रे लगे ने फिटकिरी और माल मिले चोखा।
अभिनव उपाध्याय

राजनीति है बड़ी बेवफा..

राजनीति है बड़ी बेवफा..
प्यार और हार का बड़ा गहरा संबंध है कब जीतते-जीतते हार जाएं कहा नहीं जा सकता और इसका स्पष्ट कारण भी सीबीआई दौड़ाने पर भी पता नहीं चलता। जनता से बेइंतहा प्यार करने वाले और अपनी विश्वसनीय जीत की इच्छा पाले नेता प्यारेलाल परिणाम आने के बाद दुखी हैं और अपने समर्थकों से बता रहे रहे हैं कि सच राजनीति बहुत बेवफा टाइप है, और हार के बाद आंसू बेपरवाह निकल रहे हैं। इसके लिए क्या-क्या नहीं किया, बाबूजी से झूठ बोलकर रात-रात भर जागकर जनता के बीच प्रचार करने गया। कई दिनों तक सक्रिय राजनीति में आने के लिए घर का गेंहू चावल तक बेंच दिया, बर्तन बेंचने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो तो बेगम ने बेलन उठा लिया। पुज्य पिता जी इसी शोक से चल बसे और अब इस सक्रियता का ये सिला मिलेगा सोचा भी नहीं था।
चुनाव के आश्चर्यजनक परिणाम आने पर नेता जी की चिंता छुपाए नहीं छुपती वो परेशान हैं। उनके सलाहकार सरस जी ने इसका सरल सा उपाय बताया कि आईपीएल को लेकर हो हल्ला था लेकिन सभी टीमों की कमाई हुई जो जीता उसकी बल्ले-बल्ले, जो हारा उसकी भी चांदी चले। इसमें बड़ी भूमिका चियर्स गर्ल ने निभाई क्यों न अब चुनाव प्रचार के लिए भी चियर्स गर्ल को बुलाया जाए। नेता जी भड़क गए उन्होने कहा यह हमारी नैतिकता के खिलाफ है। इस तरह का अब कोई नया सुझाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
नेता जी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रहे थे तभी कल्लू किसान ने समझाया, नेता जी इस तरह नि राश न हो हमने आपको ही वोट दिया था लेकिन आप हार क्यों गए हमें नहीं पता। हमारे बाबू जी कहते थे रात में जाग कर पढ़ो और सुबह भोर में भी जागका पढ़ो तो शायद हर परीक्षा में जीत पक्की है। इसलिए मेरा भी कहना है कि आप रात में जाकर जनता की नब्ज पढ़ो और फिर सुबह में भी..। नेता जी अब कुत्ते, बिल्ली, गधा, बकरी तक से सलाह ले रहे हैं। नेता जी उन्नत क्वालिटी के सुझाव के इंतजार में हैं लोग तरह-तरह के सुझाव दे रहे हैं कोई कह रहा है पार्टी बदल दें कोई पोशक बदलने की सलाह दे रहा है नेता जी कि बेचैनी बढ़ती जा रही है कि लेफ्ट में जाएं कि राइट में,नार्थ में जाएं कि साउथ में अब तो उनको तरह-तरह के सपने दिन में दिखाई दे रहे हैं। उनकी चिंता बढ़ती जा रही है तभी किसी ने सलाह दी नेता जी अपनी पार्टी बना लीजिए अब आप चुनाव लड़िए नहीं लड़ाइए। उनकी आंखें चमक गई कि हर्रे लगे ने फिटकिरी और माल मिले चोखा।
अभिनव उपाध्याय

एक ही थैले के...

गहमा-गहमी...