Wednesday, December 31, 2008

यह माया की देवी है

यह माया की देवी है
उत्तर प्रदेश अपने विभिन्न प्रकार के निम्न, मध्यम, मध्यमोत्तम, उत्तम और सर्वोत्तम कार्यो के लिए जाना जाता है। यह खासकर तब और चर्चा में आ जाता है जब वहां विभिन्न तरह की लीलाएं होने लगती है। चाहे अमरमणि प्रेम प्रसंग हो या कविता चौधरी का मामला या कुछ और यहां तरह-तरह की लीलाएं जनता ने देखी। विभिन्न कलाओं में राजनेताओं ने अपनी योग्यता का प्रदर्शन करते हुए पल्टीमार युक्ति से सत्ता प्राप्त की और पुन: अपनी खोई धार्मिक, आर्थिक और नैतिक प्रतिष्ठा को प्राप्त करने में लगे रहे।
अपनी कमाई के बारे में कुछ सोचते कि आर्थिक मंदी ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इसके असर से परेशान मुखिया मायावती ने अपने धुरंधर कार्यकर्ताओं के ऊपर जन्म दिन की तैयारियों का भारी-भरकम बोझ डाला। सब तो बच गए लेकिन फंस गए बेचारे तिवारी बाबा। अगर चढ़ावे की व्यवस्था न करें तो देवी नाराज और व्यवस्था की तो हिरासत बढ़ गई।
तिवारी बाबा के समर्थकों को नहीं सूझ रहा है कि वह क्या करें देवी की भक्ति मनायें कि नेता जी के पकड़े जाने का शोक। उधर विपक्ष ने चंदा उगाही समिति की प्रिय नेता को ‘माफिया क्वीनज् कह डाला।
सेवक सुटुकुन जनता के बीच जाकर प्राप्त आदेश को प्रसारित कर रहा है कि, देवी दहाड़ रही है। मैं माया हूं मुङो पैसा चढ़ाओ, आर्थिक मंदी ने मेरी भूख और बढ़ा दी है। कार्यकर्ताओं को अपील जारी है। साथ में यह धमकी भी कि अगर इस बार हमारा जन्मदिन नहीं मनाया गया तो अगली बार पैसा भी लूंगी और टिकट भी नहीं दूंगीं। लखनऊ में उनकी मूर्ति में बना पर्स भी यही संकेत कर रहा है। आप लोग इशारों को समझें और राज को राज..
इस पर सभी कार्यकर्ता सकते में हैं लेकिन चिरकुट चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा, हम औरैया के लोग गौरैया मार दें तो भी शोर होता है लेकिन दूसरे राज्य के लोग चाहे कुछ भी करें लेकिन चूं तक नहीं होती। ये तो लोकतंत्र में जबरदस्ती है भाई। हमारी बहन जी का अपमान है। हम सभी भाई इसके खिलाफ आन्दोलन करेंगे।
विचारक सुबुद्धि शास्त्री जी ने कहा आपकी बहन जी ने न जाने कितने भाई पाल रखे हैं जो आए दिन किसी न किसी को टपकाते ही रहते हैं। प्रदेश में हाहाकार मची है, अब तो सरकारी महकमें में लोगों को सांप सूंघ गया है। लोग अपने बेटे को डाक्टर, इंजीनियर बनाने के बारे में एक बार सोचेगें कि देवी का शेर आकर चढ़ावा न मांगने लगे। यह देवी साम, दाम, दंड, भेद जसी कलाओं में निपुण है इसकी लीला भी अपरंपार है। सहीराम ने कहा यह माया की देवी है ।

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