जब नेहरु जी ने तोहफा भेजा
हमारी शादी इलाहाबाद में अपने रिश्तेदार के यहां 14 अगस्त 1942 को हुई। उस वक्त पूरे भारत में इमरजेंसी लगी थी क्योंकि भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हो गया था और पं जवाहर लाल नेहरु जी जेल में बंद थे जेल से छूटने के बाद उन्होंने हमारे रिश्तेदार के घर तोहफा फिजवाया। यह हमारे लिए नेहरु जी का प्रेम था। शादी के बाद 1943 में जोहरा सहगल अपने पति कामेश्वर सहगल के साथ लाहौर में स्कूल खोला। लेकिन कुछ दिन बाद भारत आ गई। यहां उन्होने 1945 में पृथ्वीराज थियटर ज्वाइन किया और अब अभिनय में पूरी तरह से रम गई। इनकी बहन नुजरा, पृथ्वीराज कपूर के अधिकरत नाटकों में उनकी पत्नी का किरदार निभाती थी। जोहरा सहगल इप्टा से भी जुड़ी रही 1946-47 में यह उसकी वाइस प्रेसीडेंट भी रही। सन उन्नीस सौ पैंतालिस से साठ के बीच ही जोहरा सहगल ने फिल्मों के लिए भी काम किया। उन्होंने गुरुदत्त की बाजी फिल्म में कोरियोग्राफी की, इसी बीच बलराज साहनी के साथ भी काम किया। दिल्ली के शंकर मार्केट में दिल्ली नाट्य अकादमी भी खोला लेकिन वह उसी तरह बंद भी हो गई।
1 comments:
bhaiyaa achchha hai aapne nbatayaa ki nehru jee ne tohfaa bhejaa shaadee per belated tohfaaa lekin kiske shadee aur kisse hui kin rishtedaar ke yahaa bhejaa kuchh nahee likhaa aur jab tohfe kee hee kahaanee hai tokya bhejaa tohfe mai ye bhee bataa dete. khair jitnaa batayaa utnaa padhaa. jisko milaa usko badhaai.
Post a Comment