किस्मत और मेहनत ने साथ दिया और शोहरत कायम है
हालीवुड में प्रसिद्धि तब मिली जब ज्वेल आफ क्राउन नाटक में उन्हे प्रिंसेस का रोल मिला। अब इंग्लैंड में लोग इन्हे प्रिंसेस के नाम से जानने लगे। इतनी प्रसिद्धि बटोरने के बाद 26 सितम्बर 1987 को सदा के लिए भारत आ गई। लेकिन यहां पर भी काम करना जारी रखा। दिल्लगी, चलो इश्क लड़ाएं, हम दिल दे चुके सनम, सांवरिया, चीनी कम सहित कई फिल्मों में काम किया।
इनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इन्हे 2008 में ‘सदी की लाडलीज् पुरस्कार से नवाजा।
उनकी उम्र के हिसाब से हफीज जालंधरी की गजल ‘अभी तो मैं जवान हूं उन पर सटीक बैठती है और बड़ी तन्मयता से जोहरा सहगल अपने प्रश्ांसकों के कहने पर इसे सुनाती भी हैं।
0 comments:
Post a Comment