Thursday, December 22, 2016

नासिरा शर्मा को साहित्य अकादमी पुरस्कार


फरवरी में आयोजित समारोह में दिया जाएगा पुरस्कार
-भाषा सम्मान की घोषणा भी अकादमी ने की


 साहित्य अकादमी ने बुधवार को 24 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा की। आठ कविता संग्रह, सात कहानी संग्रह,पांच उपन्यास, दो समालोचना, एक निबंध संग्रह और एक नाटक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार घोषित किए गए। हिंदी भाषा में प्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा को उनकी कृति पारिजात के लिए उन्हें पुरस्कार देने की घोषणा की गई। जेरी पिंटो को उनके उपन्यास एम एंउ द बिग हूम तथा उर्दू में निजाम सिद्दिकी को उनकी समालोचना माबाद ए जदिदिआत से नये अहेद की तखलिकियात तक के लिए दिया जाएगा।
नासिरा शर्मा ने इस पुरस्कार पर खुशी जताई और कहा कि यह मेरे लिए चौंकाने वाला समाचार है।
पुरस्कारों की अनुशंसा 24 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में बुधवार को इन्हें अनुमोदित किया गया।
 पुरस्कार 1 जनवरी 2010 से 31 दिसम्बर 2014 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी। घोषित पुरस्कार 22 फरवरी 2017 को राजधानी में आयोजित एक विशेष समारोह में दिया जाएगा।
इन पुस्कारों की घोषणा साहित्य अकादमी के सचिव डा.के श्रीनिवास राव ने की।
 कविता संग्रह के लिए पुरस्कृत 8 कवि हैं  ज्ञान पुजारी (असमिया), अंजु (अंजलि नार्जारी) (बोडो), कमल वोरा (गुजराती), प्रभा वर्मा (मलयालम), सीतानाथ आचार्य शास्त्री (संस्कृत), गोबिन्दचन्द्र माझी (संताली), नन्द जावेरी (सिन्धी) और पापिनेनि शिवशंकर (तेलुगु)
जबकि
अपने कहानी-संग्रहों के लिए पुरस्कृत सात कहानीकार हैं छत्रपाल (डोगरी), श्याम दरिहरे (मैथिली), मोइराङ्थेम राजेन (मणिपुरी), आसाराम लोमटे (मराठी), पारमिता सत्पथी (ओडिय़ा), बुलाकी शर्मा (राजस्थानी) और वन्नदासन (तमिल)।
जेरी पिंटो (अंग्रेज़ी), नासिरा शर्मा (हिन्दी), बोलवार महमद कुं (कन्नड), एडविन जे.एफ़. डिसोजा (कोंकणी) और गीता उपाध्याय (नेपाली) को उनके उपन्यास हेतु पुरस्कृत किया जाएगा।

नृसिंह प्रसाद भादुड़ी (बाङ्ला) को उनके निबंध के लिए और स्वराजबीर (पंजाबी) को नाटक के लिए तथा अज़ीज़ हाजिनी (कश्मीरी) और निज़ाम सिद्दिक़ी (उर्दू) को समालोचना के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

साहित्य अकादमी ने भाषा सम्मान की भी घोषणा की

साहित्य अकादमी वर्ष 2015 के लिए उत्तरी तथा दक्षिणी क्षेत्रों से कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य में योगदान हेतु दो लेखकों व विद्वानों तथा अकादमी द्वारा ग़ैर-मान्यताप्रदत्त भाषाओं कुडुख, लद्दाखी, हल्बी एवं सौराष्ट्र में योगदान हेतु छह विद्वानों अथवा लेखकों को भाषा सम्मान प्रदान करने की घोषणा की।
साहित्य अकादमी कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य
डा.आनंद प्रकाश दीक्षित को कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य (उत्तरी) में उनके महत्वपूर्ण योगदान हेतु के लिए तथा नागल्ला गुरुप्रसाद राव को कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य ( दक्षिणी) में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह सम्मान देगी।
गैर मान्यताप्रदत्त भाषाओं में उनके योगदान हेतु भाषा सम्मान प्रदान किया जाएगा। डा. निर्मल मिंज कुडुख भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए उनके बहुमूल्य योगदान हेतु उनको भाषा सम्मान दिया जाएगा। प्रो. लोजांग जम्सपाल तथा गिलोंग थुपस्तान पलदान संयुक्त रूप से लद्दाकी भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए उनके बहुमूल्य योगदान हेतु भाषा सम्मान दिया जाएगा। हरिहर वैष्णव को हल्बी भाषा, डा. टी. आर. दामोदरन तथा टी.एस. सरोजा सुंदराराजन संयुक्त रूप से सौराष्ट्र भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए उनके बहुमूल्य योगदान हेतु यह सम्मान दिया गया है।
प्रत्येक भाषा सम्मान के अंतर्गत एक लाख रुपए की राशि, एक ताम्र फ लक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। संयुक्त विजेताओं के मामले में सम्मान राशि दोनों विजेताओं द्वारा समान रूप से साझा की जाएगी। यह सम्मान विशेष समारोह में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष द्वारा प्रदान किया जाएगा।


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