अजी सुनती हो दरवाजा खोलो, कितनी देर से चिल्ला रहा हूं। मास्टर गनपत राम ने दरवाजे से आवाज लगाई, सुनकर श्रीमती कलावती ने कहा, बाजार क्या जाते हो लगता है खेत जोतकर आ रहे हो। दरवाजा खोलते ही उन्होने मास्टर की भीगी कमीज और हांफते चेहरे को देखकर कहा कि सब्जी लेने गए थे, तो हांफ क्यों रहे हो? क्या दौड़ते गए थे और दौड़ते आए हो क्या। मास्टर जी ने संभलते हुए कहा कि गया तो बस से था लेकिन आया हूं पैदल। एक तो सब्जी का भाव सुनकर गर्मी छिटक गई मोल-तोल कर रहा था तो उसने कहा कि अब बस का किराया भी बढ़ गया है। इसलिए पैदल चल पड़ा। कलावती जी ने यह सुनकर घनघोर निराशा जाहिर की ‘दूध, दही, चीनी, रसगुल्ला में तो आग लगी ही थी कि अब मुंआ किराया भी..ज्
मास्टर जी ने पानी का गिलास अभी मुंह से लगाया ही था कि ब्रेकिंग न्यूज चल रही थी कि बढ़ सक ते हैं पानी के दाम.. और पानी का घूंट हलक में ही अटक गया।
सुरसा की तरह बढ़ रही मंहगाई को देखते हुए मोहल्ले में मीटिंग हुई कि सरकार चुनाव से पहले तो मस्का लगाती है और बीतने के बाद गर्म घी उड़ेल देती है। बढ़ती हुई मंहगाई के कारण किन चीजों में कटौती की जाए कि मामला बराबर हो जाए। किसी ने दूध किसी ने बिजली किसी ने फोन पर कम खर्च करने का सुझाव दिया।
किसी ने चिंता जाहिर की कि अब तो दफ्तर का बाबू का भी सुविधा शुल्क बढ़ा देगा। लेकिन किसी ने गाड़ी कम चलाने पर जोर दिया। यह उधेड़ बुन चलती रही कोई भी प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास नहीं हुआ। इसी बीच भीड़ देखकर सत्ता पक्ष के एक नेता वहां पहुंचे। उनके ऊपर सभी लोगों ने शब्द बाण छोड़े लेकिन नेता जी एक वीर योद्धा की तरह की तरह सब ङोल गए और बोले, सरकार आपकी दुश्मन नहीं है, आपकी तकलीफ हमारी तकलीफ है। आप इस मंहगाई को गलत नजरिए से देख रहे हैं। दरअसल आजकल लोगों में भाईचारा कम हो रहा है। अगर सबके घर आलू होगा तो क्या वह अपने पड़ोसी के घर जाएगा, आप अगर अपने पड़ोसी से चाय के लिए दूध मांगते हैं तो कम से कम चलकर जाते तो हैं। हम लोग सुविधाभोगी हो गए हैं। अभी भाषण चल ही रहा था कि झुग्गी से आया हुआ कुपोषित, शोषित और अस्थिपंजर लिए गंगूराम ने कहा कि किस भाईचारे की बात करते हैं। मंहगाई में भीख मांगने पर भी पेट नहीं भरता .. उसे देख नेता जी बगले झांकने लगे फिर जोर देकर कहा कि देश को भूखे नंगे लोग बदनाम कर रहे हैं। इस सभा में यह विपक्ष द्वारा प्रायोजित भिखमंगा है। जल्द ही कामनवेल्थ गेम तक इनका भी इंतजाम हो जाएगा..
अभिनव उपाध्याय
2 comments:
यह विपक्ष द्वारा प्रायोजित भिखमंगा है।-बस यही एक इल्जाम बाकी था.
भैया मेरे उम्दा...आपकी धार में और सुधार ..
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