दिल्ली में डीटीसी और ब्लू लाइन का किराया बढ़ा लेकिन यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे। भाई ये पब्लिक है सामान से भी सस्ती। सामान लेते हैं तो गारंटी- वारंटी कुछ तो देता है, आजकल बड़ा-बड़ा बैनर जागो ग्राहक जागो का भोंपू बजा रहे हैं। महंगाई बढ़ी लेकिन सरकार ने पब्लिक कि कोई गारंटी नहीं ली। चाहे चाइना धमकाए या पाकिस्तान अंगारे छोड़े। पब्लिक तो बस राम भरोसे.. सहीराम से अपनी व्यथा चतुर चटकोर जी बता रहे थे। सहीराम ने उनकी बात सुनते-सुनते कहा कि चटकोर जी मंहगाई के दौर में गारंटी की इच्छा न करें। बात आगे बढ़ी, सुना है बैल, गधा, घोड़ा, ऊंट के ऊपर कोड़ा चलता है तो वो तेज भागने लगते हैं लेकिन कुछ दिन पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पुलिस से भाग रहे थे। जनता मजे से टीवी पर उनके भागने और लुकाछिपी की कमेंट्री सुन रही थी और अंत में भागते-भागते वह थक कर बीमार पड़ गए। सबसे सुरक्षित जगह अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल से लौटकर अब वह जेल में आराम फरमा रहे हैं। यहां भी कोड़ा दूसरों पर चल गया। सुना है जो तारिकाएं उनका मनोरंजन करती थीं उनको पुलिस की नाक सूंघ रही है। कहीं उनके परफ्यूम के आगे बेहोश न हो जाएं। लल्लन मास्टर के बेटे का कहना था कि तारिकाओं का नाम हिरोइन इस लिए पड़ा कि जो इनके पास जाता था उन्हें हेरोइन चटा देती थीं। मैंने सोचा हो सकता है, कोड़ा को भी कुछ चटा या सुंघा दिया हो और उसकी मति मारी गई हो। जिससे वह बेचारा बना घूम रहा है। अच्छा हुआ उसे पुलिस हवालात ले गई। कहीं उसका दिमाग बौराया जाता तो न जाने कितनों का वारा-न्यारा हो जाता। वो तो भला हो जो अब साथ-साथ बीवी रहती है। अब अफसोस के बाद चटकोर जी ने बात का ट्रैक बदला,
देश में किसी को चैन नहीं। जनता तो जनता, सरकार को भी पता नहीं क्या हो गया है कि रोज कहीं न कहीं उठापटक चलती रहती है। संसद की समस्याएं सड़क तक आ गई हैं। स़ुना है दिल्ली के भिखमंगों को सड़क से हटा दिया जाएगा। यह चिंता भिखमंगों की कालोनी में चिंता का विषय था। भिखमंगों के सरदार खजांची राम ने अपनी समिति में चिंता प्रकट करते हुए कहा कि हमने भिखमंगों को विदेशी भाषा पढ़ाने में जो निवेश किया था उस पर पानी पड़ जाएगा।
इस सूचना के बाद भिखमंगों में उदासी छा गई। लेकिन सूचना मिली है इस खबर से पुलिस भी उदास है। बस किराया के बाद कोड़ा और अंत में भिखमंगों की समस्या और उसके बाद। अंत में सहीराम ने कहा भाई यही तो लोकतंत्र है!
अभिनव उपाध्याय
1 comments:
अहहा..अरसे बाद मजा आ गया ईमानदारी से ....
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