सखी री मैं पनिया भरन नहीं जाऊं
चाहे गंगा हो या गोमती, चाहे कोसी हो या सरयू आजकल नदियों में न जाने क ौन सी दीवानगी छाई है कि बढ़ती ही जा रही हैें। लेकिन यमुना समझदार है इसे पता है कि कृ ष्ण जन्माष्टमी बीत चुकी है, चतुर, चितवन, चितचोर ने अपना चरण स्पर्श करा दिया है या कोई सरकारी आश्वासन टाइप कुछ मिल गया है कि मान जाओ हिमालय पुत्री चुनाव करीब है। हमें तुम्हारे सेहत का ख्याल है इस बार दिल्ली को थोड़ा बख्श दो, अगली सरकार बनते ही हम तुम्हारी आखिरी इच्छा पूरी कर देगें। और यमुना जी मान भी गई। थोड़ी गर्जना और थोड़ी सरकार के सुरक्षा उपायों की पोल खोल कर शांति के साथ बहने लगी।
मामला अटका है सरयूू का यूपी सरकार ने उन्हे कोई आश्वासन नहीं दिया है। सरयू जी नें भी अपनी दलील रखी कि हम राम की जन्मभूमि के पास से गुजरते हैं हमारा महत्व यमुना से कम नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने दो टूक जवाब दिया, देखो, राम और जन्मभूमि यह बीजेपी का मसला है इसका दलितों की चेतना से कोई वास्ता नहीं है प्रधान मंत्री बनने दो तब कुछ सोचूगीं फिलहाल राहत कार्य बढ़ाने के अलावा मैं कुछ नहीं कर सकती।
बिहार में कोसी की हालत कुछ और ही है। कोसी भी सरकार को दोषी मानकर कोस रही है। ठीकठाक बह रही थी कोसी लेकिन सरकार की दरार बांध में दिखने लगी। सरकार तो चल रही है लेकिन बांध चल बसा और कोसी की लहरें और भंवर कह रही है हमारी मांगें पूरी करो। सरकार अभी कुछ सोचती आंदोलन और तेज हो गया। अब मामला बस राहत कार्य पर आकर अटका है। कोसी कह रही है मेरी सेहत देखो, तटबंधों को चौड़ा करो, मेरी गाद निकालो। लेकिन खद्दरधारी संत ने कहा चुप रह तुम्हारी दुदर्शा को हम लोग चुनावी एजेंडा बनाएंगें, इसमें विपक्ष को भी घसीटेगें बस एक गुजारिश है तुम और फैलो 15 नहीं 150 गांवों को घेरो, चार लाख नहीं चालिस लाख लोगों को बेघर करो। अरे अच्छा मौका है जनता की सेवा का मइया थोड़ा लूटने दो। नाविक से लेकर ठेकेदार, मददगार सब लूट कर खुश हैं काहे को पेट पर लात मारती हो बढ़ो थोड़ी और बढ़ो। एक मीटर और बढ़ जाती तो मजा आ जाता। कोसी फूल रही है उफना रही है हरहरा रही है। एकदम मदमस्त होकर, घुमड़-घुमड़ कर।
उधर सहीराम के गांव में भादों की रासलीला चल रही है। कलयुगी राधा ठुमक-ठुमक कर नाच रही है और मटका लेकर सखियों के संग गा रही है- सखी री मैं पनिया भरन नहीं जाऊं , ना सूङो पनघट ना सूझे मोहन, मैं बाढ़ देखि डर जाऊं। सखी री मैं पनिया भरन नहीं जाऊं।
1 comments:
बहुत अच्छा प्रयास है मित्र, मैं तुम्हारे इस लेख को पढ़ कर खुश हूं।
ashu
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