Saturday, November 29, 2008

ये भी ना बड़े वो हैं

2-ये भी ना बड़े वो हैं
लोग अपनी बीवी, बच्चों को क्या क्या का लाकर देते हैं उनकी कोशिश होती है कि क्या खिला दूं क्या पिला दूं और एक आप हैं कि जिसे कोई फिकर ही नहीं। सच में आप भी ना बड़े वो हैं। क्रांतिकारी अखबार के वरिष्ठ पत्रकार घनघोर जी की श्रीमती हर तीसरे यह बात उनसे कहती हैं। उन्हें यह शिकायत हमेशा रहती है कि जब शिवराज पाटिल बम फटने के बाद भी तीन बार कपड़े बदल सकते हैं तो यह ससुराल जाते समय आफिस का कपड़ा पहन कर क्यों जाते हैं। एक बार सखी ने भी अपने घर पर टोक दिया कि, बहन एक बात कहूं बुरा तो नहीं मानोगी, तुम्हारे पति सनकी तो नहीं हैं, उस पर भी वह मुस्कुराकर कह देती है क्या बताऊं सनकी तो नहीं लेकिन, हां जरा वो हैं। कभी-कभी तो लिखने बैठते हैं बच्चों जसे सारे सामान फैला देते हैं। सारा दिन बस सरस्वती की पूजा, कितनी बार कहा कि जरा लक्ष्मी के बारे में सोचो लेकिन ये हैं कि इनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती बस एक धुन कलम, किताब। अरे, लोग पत्रकारिता करते-करते क्या-क्या नहीं बना लेते हैं और ये हैं कि..।
पड़ोस वाले अंकल के जब बुरे दिन थे तो उन्होंने भी एक अखबार पकड़ा था और इतना कस कर पकड़ा कि आज तक चांदी ही चांदी है। कितनी बार कहा कि मेरी नानी कहती थी कि लक्ष्मी और सरस्वती में छत्तीस का आंकड़ा चलता है। न जाने किसने कह दिया कि पत्रकार बनो। मुङो भी एक बार यह नशा चढ़ा था वो तो मामा ने कह दिया कि बेगार, बेकार और पत्रकार एक जसा ही समझो तभी से नशा उतर गया। पापा को भी जाने क्या सूझी जो..। घनघोर जी की पत्नी अपनी रौ में ये बातें कही जा रही थी कि सहेली ने उन्हे एक गिलास पानी लाकर दिया पानी क्या मिला बैट्री फिर चार्ज हो गई और शुरू हो गई, हां तो मैं कह रही थी अरे लिखना-पढ़ना कामचोरों का काम है। प्रापर्टी डीलिंग करते, कुछ तीन-पांच करते तो शायद दीवाली तक लक्ष्मी मेहरबान हो जाती लेकिन ये भी ना हरिश्चंद के चाचा बनते हैं। सहेली ने आग में घी डालते हुए कहा, इस बार दशहरे में साड़ियों की लम्बी सेल लगी थी साढ़े पांच हजार की साड़ी साढ़े तीन हजार में मिल रही थी वो भी एकदम बनारसी। अब क्या था, पत्नी भी घनघोर पर बिजली बन कर टूटी, बोली इस बार दीवाली तक एक बनारसी साड़ी आनी चाहिए। घनघोर जी को कुछ न सूझा इस बार सरकार की तरह आश्वासन दिया, केवल एक साड़ी, हम तो इस बार एक दर्जन लेने की सोच रहे थे। पत्नी को विश्वास नहीं हो रहा था उसने मुस्कुराते हुए कहा आप भी ना बड़े वो हैं।

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