Saturday, November 29, 2008

turki-ba-turki-बिन आफर सब सून

1-बिन आफर सब सून
त्योहार क्या आया बाजार में आफरों की झड़ी लग गई। ऐसा लगता है त्योहार और आफर का चोली-दामन का साथ है। मतलब बिना आफर के त्योहारों की मर्यादा को भारी ठेस पहुंचती है। ऑफर भी ऐसे की आप कल्पना भी नहीं कर सकते। कुछ सशर्त और कुछ बेशर्त। लेकिन अधिकतर कंडीशन अप्लाई। आजकल दुकान ग्राहक पर अपना सब कुछ न्यौछावर करने को आतुर हैं। कुछ ऑफर ऐसे हैं कि आप विश्वास नहीं कर सकते हैं। जसे एक दुकानदार टोपी के साथ जकेट फ्री देना चाहता है उनका पड़ोसी टाई के साथ सूट भी फ्री देने को उतावला है। उसी तरह कुर्सी के साथ डाइनिंग टेबल फ्री है। और बर्तन वाला चम्मच के साथ कढ़ाई। इन सारे विज्ञापनों के कोने में धागे जसा चिपका है शर्तें लागू।
सहीराम के फेमिली डाक्टर खुराफाती जी ने अपनी दुकान चमकाने के लिए एक बड़ा विज्ञापन दिया, आपके शहर में पहली बार मोतियाबिंद के आपरेशन के साथ किडनी का आपरेशन मुफ्त, पथरी के साथ हृदय का आपरेशन बिल्कुल फ्री। पहले इलाज कराएं फिर पैसे दें। यह विज्ञापन देखकर सब चौंक गए। अब हलवाई चिरौंजी राम ने भी इसी टाइप एक विज्ञापन दिया लड्डू के साथ काजू की बर्फी मुफ्त। कोने में फिर वही धागे जसा लिखा शर्तें लागू।
शहर में कई दिनों से अपने धंधे में मंदी की मार झेल रहे तांत्रिक बाबा खान बंगाली को भी यह आइडिया आया क्यों न एक चमत्कारिक विज्ञापन बनवाया जाय। उन्होंने अपना विज्ञापन कुछ इस तरह दिया- शक्ति का चमत्कार देखें अपनी आंखों से मात्र आठ घंटो में। लव मैरिज, मनचाहा वर, वशीकरण स्पेशलिस्ट, गृह कलेश, जादू-टोना, देश विदेश की यात्रा में रुकावट, पति-पत्नी में अनबन, सौतन और दुश्मनी से छुटकारा, दीवाली में धुंआधार धन की बारिश के साथ ए टू जेड हर तरह की समस्या के लिए पधारें। एक बार सेवा का अवसर अवश्य दें आपके शहर में बावन साल के तजुर्बेकार बाबा खान बंगाली। इसके बाद मोटे अक्षरों में ट्विस्ट दीपावली के शुभ अवसर पर काम के बाद फीस। यहां भी कोने में छोटा सा, पतला सा, प्यारा सा और लगभग अदृश्य लिखा था शर्ते लागू।
इस आफर लहर का असर नेता जगत राम पर भी पड़ा उन्होने तुरंत पार्टी हाई कमान को लिखा महोदय पार्टी को सुदृढ़ बनाने के लिए कृ पया आफर योजना को प्रसारित किया जाए। महोदय मेरा सुझाव है कि इस बार पार्टी टिकट देने से पहले उम्मीदवारों को यह आफर दे कि जो भारी मतों से जीतेगा उसे अगली बार मुफ्त में टिकट दिया जाएगा। और जो हारेगा उसे भी निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसे पार्टी हाईकमान किसी न किसी विभाग का चेयरमैन बना देगी। इससे उनका मनोबल नहीं गिरेगा।
अभिनव उपाध्याय

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